डर्टी Xxx गर्ल सेक्स कहानी में पढ़ें कि कैसे मेरे और मेरे बिजनेस पार्टनर की सेक्रेटरी ने हमने ओरल सेक्स का मजा दिया, आपस में एक दूसरी की गांड चाट कर गंदा सेक्स किया.
फ्रेंड्स, मैं विराज!
आपने इस कहानी के पिछले भाग
बिजनेस पार्टनर से प्राइवेट सेक्रेटरी की अदला बदली
में अब तक पढ़ा था कि पाटिल जी रेशमा को अपने साथ ले गए थे और मैं पाटिल जी की सेक्रेटरी किरण को अपने लंड की तरफ खींच रहा था.
अब आगे Dirty xxx Girl Sex Kahani:
मेरे सामने कुतिया बनी किरण की गांड देख कर और उसका नंगा बदन देख कर मेरे लौड़े में भी अब जान आने लगी.
एक हाथ से बेल्ट और दूसरे हाथ से किरण का सर मेरे लौड़े पर दबाते हुए मैं मुखमैथुन का मजा लेने लगा.
किरण भी किसी पेशेवर रंडी की तरह मेरे लौड़े में जान फूंक रही थी और धीरे धीरे उसकी मेहनत रंग ले आयी.
लंड चूसते चूसते उसने अपनी लार और थूक टपका कर कई बार मेरे लौड़े पर लगायी ताकि चूसने में उसको और मुझे दोनों को मजा मिलता रहे.
उसके लंड चूसने के तरीके से मुझे भी मजा आने लगा था और मेरी भी हल्की हल्की सिसकारियां निकल रही थीं.
मैं- आअहह साली रंडी … हम्म्म चूस में मेरे लौड़े की रांड किरण, साली आज तुझे उस पाटिल के सामने ऐसे चोदूंगा कि तेरी चूत का हाल देख कर उसकी भी गांड फट जाएगी रंडी.
दारू का नशा और लौड़े की चुसाई से मैं अब भूल गया था कि पाटिल साहब मेरे क्लाइंट हैं और मुझे उनके बारे में ऐसी आपत्तिजनक बातें नहीं करनी चाहिए.
पर वो भी कौन सा दूध का धुला था मादरचोद … भैन का लंड मेरी रेशमा को अपने लौड़े से चोदने ले गया था बहनचोद.
मैंने भी अब ठान ली थी कि मैं इसका बदला जरूर लेकर रहूँगा.
इसी लिए मैंने किरण का मुँह भी अपने लौड़े पर जोर से दबाना चालू कर दिया.
मैं उसके बाल पकड़ कर उसका मुँह मेरे लंड के आखिरी छोर तक दबाने लगा.
जैसे जैसे बदन तपने लगे, वैसे वैसे रात की मस्ती गहरी होती चली गयी.
समुन्दर के किनारे बने इस हवेली में ठंडी हवा बहने लगी और हमारे जिस्मों को भी ठण्ड लगने लगी.
पर ये साली रांड मेरे लौड़े को ऐसे चूस रही थी मानो आज पूरा लौड़ा काट कर खा जाएगी.
लेकिन मुझे तो अब ठण्ड लगने लगी थी, तो मैंने लौड़ा किरण के मुँह से बाहर निकाला और उसका बेल्ट पकड़ कर उसे मेरे पीछे कुतिया बना कर नीचे ले जाने लगा.
हम दोनों के कपड़े अभी भी वहीं छत पर पड़े थे, पर इस वक़्त कपड़ों की किसको पड़ी थी!
नंगी किरण किसी लावारिस कुतिया की तरह मेरे पीछे पीछे नीचे आयी.
जैसे जैसे हम नीचे उतरते गए, मुझे रेशमा की मादक सिसकारियां सुनाई देने लगीं.
मैं भी एक बड़ा सा गलियारा पार करते हुए किरण को लेकर उसी कमरे की तरफ आ गया.
मैं हल्के हाथ से दरवाजा खोल कर अन्दर झांकने लगा.
अन्दर के नज़ारे देख कर तो एक बार मेरा मुझ पर विश्वास ही नहीं हुआ कि रेशमा जैसी घरेलू औरत ऐसा काम भी कर सकती है.
पाटिल किसी कुत्ते की तरह झुका हुआ था और Xxx डर्टी गर्ल रेशमा का मुँह उसकी गांड में घुसा हुआ था.
मैंने भी अब दरवाजा जोर से खोलते हुए किरण को अन्दर की तरफ खींचा और उसको रेशमा की नंगी गांड की तरफ ले गया.
किरण का सर उसके बालों से खींचते हुए मैंने उसका मुँह भी रेशमा की गांड में दबा दिया.
मैं- ले साली मादरचोद रंडी, चाट इस मादरचोद कुतिया की गांड … आज हम दोनों मर्द मिल कर तुम्हारे भोसड़े चोदेंगे.
किरण बिना किसी हुज्जत के रेशमा की गांड चाटने लगी और मैं उन तीनों को देख कर मजे लेने लगा.
बीच बीच में मैंने किरण का मुँह रेशमा की गांड से बाहर निकाल कर कई बार उसके मुँह पर थूक भी दिया.
रेशमा की गदराई गांड पर भी मैं बहुत सारे थप्पड़ रसीद कर दिए.
उसको भी मैंने वैसे ही जलील किया, जैसे किरण को कर रहा था.
दोनों रंडियां आज सच में किसी बाजारू रंडी की तरह पेश आ रही थीं.
मैंने भी अब रेशमा का सर उसके बालों से पकड़ कर खींचा और किरण का मुँह पाटिल की गांड में घुसा दिया.
रेशमा को बालों से खींचते हुए मैं उसको लगभग घसीटते हुए बिस्तर पर ले गया और उसको बिस्तर पर लिटा दिया.
अब उसकी चूत बिल्कुल पाटिल जी के मुँह के सामने थी और मैं रेशमा के मुँह पर अपनी गांड लेकर बैठ गया.
पाटिल जी ने भी रेशमा की टांगें खोलीं और झट से उसकी नूरानी चूत का रसपान करने लगे.
मैं भी अपनी गांड जोर जोर से रेशमा के मुँह पर घिसने लगा. मेरा खड़ा लौड़ा उसके मुँह पर था और मेरे दोनों काले टट्टे रेशमा की नाक में पसीने की खुशबू छोड़ रहे थे.
जैसे ही पाटिल जी ने रेशमा की चूत पीनी चालू की, वैसे वैसे रेशमा सीत्कारने लगी.
उसकी जुबान मेरी गांड का छेद ऐसे चाटने लगी कि मेरे लौड़े में भयंकर आग लगने लगी.
मैं उसकी चूचियां हाथ में लेकर उनको किसी आटे की लोई की तरह गूंथने लगा, निप्पलों को उंगलियों से ऐसे मरोड़ने लगा.
रेशमा की चीखें कमरे में गूंजने लगीं.
मैं- आअहह साली मादरचोद रंडी, चाट मेरी गांड ऐसे कुतिया … आज तुझे बाजार की सबसे सस्ती रंडी बनाकर चोदूंगा मादरचोद.
मेरे मुँह से गालियां सुन कर शायद पाटिल साहब भी गर्माने लगे थे.
रेशमा की चूत चूसते हुए उन्होंने भी गालियां देना चालू कर दीं.
पाटिल- हां विराज जी, आज इन दोनों रंडियों को ऐसे चोदेंगे कि इनकी अगली सात पुश्तें भी हमारे लौड़े का नाम जपेगीं. आंह चूस मेरी गांड मादरचोद हिजड़े की बीवी, आज तुझे तेरे उस नामर्द पति के सामने नंगी करके मेरा मूत पिलाऊंगा साली कुतिया!
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पाटिल की बातों से मुझे पता चला कि किरण का पति नामर्द है. वो भी बिल्कुल रेशमा के शौहर की तरह ही है और इसीलिए वो खुलकर पाटिल के लौड़े की रंडी बनकर घूम रही है.
किरण को देख कर लग ही रहा था कि वो किस कदर पाटिल की रखैल बन चुकी थी. किसी भी दूसरे मर्द के नीचे टांगें खोलने में उसको जरा भी देर नहीं लगती थी.
अपने मालिक की गांड चाट चाट कर उसने पाटिल का लौड़ा भी मुँह में भर कर चूसना चालू कर दिया और लंड का सुपारा अपने मुँह में भर के लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी.
मैं- बिल्कुल पाटिल जी, देखो कैसे ये रंडी लौड़े को चूस रही है. एक दिन इन दोनों के नामर्द शौहरों के सामने ही इनकी चूत का भोसड़ा बना देना चाहिए. क्यों रेशमा रांड … बोल चुदेगी उस हिजड़े सलमान के सामने भोसड़ीवाली?
रेशमा का मुँह तो मेरे गांड के नीचे दबा था इसीलिए वो तो कुछ बोल नहीं सकी पर किरण ने अपना मुँह पाटिल जी की गांड से बाहर निकाला और मेरी तरफ मुस्कुरा कर देखने लगी.
किरण- आपको जैसे चाहिए, वैसे मुझे चोद लो मालिक, मैं तो उस मादरचोद नामर्द के सामने भी आपकी पालतू कुतिया बन कर ही चुदवाऊंगी. उसे भी देखने दो कि कैसे उसकी बीवी एक असली मर्द से चुदती है.
जैसे ही किरण ने अपना मुँह लंड से बाहर निकाल कर अपने पति को जलील किया, वैसे ही झट से पाटिल जी ने पलटी मारी और उसकी तरफ घूम गए.
किरण के बाल पकड़ कर पाटिल ने उसको जोर से थप्पड़ मारा और उसके मुँह पर थूक दिया.
बिना किसी झिझक के Xxx डर्टी गर्ल किरण ने पाटिल जी का थूक चाट लिया और फिर से उसका लौड़ा सहलाने लगी.
पाटिल जी ने अब उसको मेरे पास भेजा और मेरा लौड़ा चूसने का इशारा किया.
अपने मालिक के इशारे पर नाचने वाली दो कौड़ी की रंडी किरण मेरे पास आ गयी और बिना हाथ लगाए उसने मेरा लौड़ा अपने मुँह में भर लिया.
एक ही झटके में पूरा लंड अपने गले तक ले गयी और जोर जोर से चूसने लगी.
मैंने भी उसका सर अपने हाथों से अपने लौड़े पर दबाना चालू किया और नीचे से रेशमा के मुँह पर अपनी गांड और जोर से दबा दी.
एक साथ गांड और लंड चुसवाने का मज़ा लेते हुए मैंने अपनी आंखें बंद कर लीं.
जैसे जैसे मज़ा मिलता गया वैसे वैसे मेरे टट्टों में जमा हुआ वीर्य ऊपर की तरफ आने लगा.
रेशमा की जीभ मुझे मेरी गांड में छेद पर जैसे मजा दे रही थी, उससे मुझसे रहा नहीं गया.
शायद इसी वजह से मैं सब कुछ भूल कर किरण के मुँह में अपना पूरा लौड़ा घुसा रहा था.
किरण के बिखरे हुए बाल और आंखों से बहते पानी के साथ उसके आंखों का काजल उसके थोबड़े को बुरी तरफ बिगाड़ चुका था.
उसको देख कर ऐसे लग रहा था, जैसे अभी अभी इस औरत पर दस लोग एक चढ़ चुके हैं.
आखिर मुझे भी नारी की शक्ति के सामने अपनी हार माननी पड़ी.
मेरे टट्टों में उबलता हुआ मेरा सफ़ेद वीर्य किरण के मुँह में भरने लगा और मेरी गांड रेशमा के मुँह पर रख कर मैं किरण के गले तक अपना लौड़ा पेल कर उसे अपना वीर्य पिलाता रहा.
मैं- आअहहह मादरचोद रंडी … पी जा मेरा पानी साली कुतिया आआह चूस मेरा लौड़ा … रंडी की जनी.
पाटिल सामने रखे सोफे पर बैठ कर मुझे देख रहा था.
जैसे ही मैंने अपनी आंखें खोलीं तो उसने झट से मुझे इशारे से वहां से हटने को बोल दिया.
मैंने भी अपना झड़ा हुआ लौड़ा और चुसी हुई गांड को उन दोनों रंडियों के मुँह से रिहा करवाया और सोफे पर जाकर बैठ गया.
अब पाटिल जी किरण की तरफ बढ़े और उन्होंने किरण के बाल खींच कर उसका मुँह रेशमा के मुँह पर लगा दिया.
किरण भी मजे से रेशमा के लब चूमने लगी और मेरा बचा हुआ वीर्य जो उसके मुँह में था, वो रेशमा को भी पिलाने लगी.
दोनों रंडियां बड़े मजे से एक दूसरे को चूम रही थीं, मेरे वीर्य को एक दूसरे को खिला रही थीं.
तभी पाटिल जी ने एक जोरदार तमाचा किरण की गांड पर मार दिया और उसको रेशमा की चूत पीने को बोला.
पाटिल जी- चल बहन की लौड़ी, अब दोनों रंडियां चूसो एक दूसरे के भोसड़े को और दिखाओ हमको कि तुम दोनों हमारे लौड़े पाने के लिए क्या क्या कर सकती हो?
रेशमा ने इस बार फुर्ती दिखाई और उसने किरण को खींच कर उसे चूमने लगी.
कुछ ही पल में दोनों ने 69 ने आते हुए अपना मुँह एक दूसरे के भोसड़े में घुसा दिया.
मैं भी उठकर दारू का जाम भरने लगा और रेशमा का ये नया रूप देख कर मजे लेने लगा.
कुछ देर तो उन्होंने अच्छे से एक दूसरे की फटी हुई भोसड़ी चूस चूस कर गीली कर दी.
पर अब शायद पाटिल जी अपने आपको रोक नहीं पा रहे थे, उन्होंने वैसे ही नीचे लेटी रेशमा के भोसड़े से किरण का मुँह ऊपर उठाया और एक ही झटके में उन्होंने अपना पूरा लौड़ा रेशमा की चूत में आर-पार कर दिया.
अब हालत ये थी कि दोनों भरे हुए जिस्म वाली शादीशुदा औरतें एक दूसरे के ऊपर लेटी थीं.
रेशमा नीचे थी और किरण उसके ऊपर.
रेशमा की भोसड़ी किरण के मुँह में थी जबकि किरण की भोसड़ी और गांड रेशमा के मुँह के ऊपर थी.
पाटिल साहब ने रेशमा की दोनों टांगें खोल कर अपने लौड़े को उसकी चूत में घुसाया और साथ साथ किरण का मुँह रेशमा के भगनासा पर दबा कर उसे चूसने का इशारा किया.
रेशमा- आहहह अम्मीई ईईई जानन्न उफ्फ धीरे करो मालिक्क फाड़ दी मेरी चूत.
रेशमा की चीख की परवाह किए बिना पाटिल जी ने उसे बड़े धमाकेदार तरीके से चोदना चालू कर दिया.
एक तरफ से पाटिल जी के लौड़े की मार और दूसरी तरफ किरण का यूँ उसकी चूत के दाने को चूसना, रेशमा सहन नहीं कर पा रही थी.
उसकी चूत को मैं पिछले दो दिन से लगातार चोद रहा था पर साली आज भी ऐसे चिल्ला रही थी, जैसे पहली बार चुद रही हो.
उसकी चीखें रोकने के लिए शातिर किरण ने भी अपनी गांड उसके मुँह पर दबा दी.
किरण- चुप कर बहन की लौड़ी, चुद मेरे मालिक के लौड़े से रंडी … आज देख कैसे तेरी इस फुद्दी का भोसड़ा बनाते है मालिक. चोदो इसे पाटिल साहब, फाड़ दो इस रंडी का भोसड़ा.
जैसे ही किरण ने ये बोलने के लिए अपना मुँह ऊपर किया तो पाटिल साहब से उसके गाल दबाते हुए उसके मुँह पर थूक दिया और फिर से उसका मुँह रेशमा की चूत पर दबा दिया.
पाटिल जी- तेरे मां को चोदूं साली रंडी, तू अपना मुँह बंद कर और चूस इस मादरचोद कुतिया की चुत, आज तेरी भी चूत का ऐसे ही भोसड़ा बनेगा हिजड़े की बीवी.
इतना बोल कर उन्होंने ने रेशमा को सच में किसी रंडी की तरह चोदना चालू कर दिया.
सोफे के ऊपर बैठ कर मुझे साफ दिखाई दे रहा था कि कैसे उनका लम्बा चौड़ा लौड़ा रेशमा की भोसड़ी को तार तार करके अन्दर दाखिल हो रहा था.
धीरे धीरे उनके काले लौड़े पर रेशमा की चूत के पानी की सफ़ेद परत चढ़ने लगी थी.
इसका मतलब रेशमा की चूत भी ढेर सारा पानी उनके लौड़े पर बहा रही थी.
रेशमा का मुँह किरण के गांड के नीचे दबने के कारण अब उसकी चीखें कम हो गयी थीं, पर चुदाई का मज़ा तो उसको भी आ रहा था.
‘आअहह उफ्फ अम्मीईई …’ जैसी दबी दबी सी सिसकारियां निकाल कर रेशमा आज अपने पति के अलावा दूसरी बार किसी और मर्द के नीचे लेटी थी.
जैसे जैसे उसकी चूत से पानी निकलने लगा, वैसे वैसे पाटिल जी का लंड उसकी चूत में सरपट दौड़ने लगा.
पर शायद इसी बात से अब पाटिल जी को अब मज़ा नहीं आ रहा था.
चूत जैसे जैसे गीली हो जाती है, वैसे वैसे सुपारे को सही से वो पकड़ नहीं मिल पाती, जिससे चुदाई का मज़ा मिलता है.
इसलिए पाटिल जी ने अपना लौड़ा रेशमा की चूत से बाहर निकला और सीधा किरण में मुँह में घुसा दिया.
पाटिल जी- ले मादरचोदी, अच्छे से साफ कर मेरा लौड़ा … साह रंडी की जनी, इस मादरचोद ने तो दो मिनट में पानी छोड़ दिया बहनचोद.
इतना बोलकर उन्होंने ने बिस्तर पर पड़ा रेशमा का ब्लाउज उठाया और झट से उसे रेशमा के भोसड़ी में घुसा कर अन्दर से उसका पानी सोख लिया.
यहां किरण ने भी पाटिल जी के लंड को अच्छी चूस चूस कर साफ़ करने लगी थी. वो पाटिल जी के लंड पर लगा रेशमा की चूत का पानी चाटने लगी थी.
दोस्तो, डर्टी Xxx गर्ल सेक्स कहानी का यह भाग आपको कैसा लगा. प्लीज़ मुझे मेल लिख कर बताएं.
अगले भागों में सेक्स कहानी का मजा और ज्यादा बढ़ता जाएगा.
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डर्टी Xxx गर्ल सेक्स कहानी का अगला भाग: चुत गांड सैंडविच सेक्स कहानी