मेरे चाचा ने मेरी जवानी का पूरा मजा लिया- 5

फॅमिली में खुली Xxx चुदाई का मजा मुझे मेरे सगे चाचा ने मुझे दिन रात चोद कर दिया. रत को पहले मैं चाचा चाची कि चुदाई देखती, फिर चाचा का लंड चूत गांड में लेती.

दोस्तो, मैं आयुषी अवस्थी आपको अपनी चुदाई की कहानी सुना रही थी.
कहानी के पिछले भाग
चाची के होते हुए चाचा ने मेरा गांड मारी
में आपने पढ़ा कि चाचा ने मुझे कल रात जंगल में चोदा था. फिर कैम्प में लाकर रात भर में 5 बार चोदा था, जिससे मेरी चूत सूज गई थी.

अब आगे Family Me Khuli Xxx Chudai का मजा:

हम अगले सुबह उठे और फ्रेश होकर ऊटी के नजर देखने निकल पड़े.

मैं रात की चुदाई के बाद बहुत खुश थी.
मुझे लग रहा था कि चूत की सफाई से बढ़िया चीज इस दुनिया में है ही नहीं.

मैं मन में ये सोच रही थी कि चाचा को तो पता भी नहीं होगा सफाई करवाने में मुझे कितना मजा आता है.
वो बेचारे मेरी इतनी फ़िक्र करते हैं कि मेरी सफाई करते रहते हैं ताकि मुझे कुछ हो न जाए और मेरी सूसू में कीड़े न लगें.

अब ये सब सोचती हूँ तो लगता है मुझसे बड़ा बेवकूफ कोई था ही नहीं.
चुदाई को सफाई समझ कर चाचा जी भोला भाला समझ रही थी. वो मेरी टाइट चूत और गांड के मजे लेने में लगे थे.

खैर … चाचा ने ऐसा चुदाई का चस्का चढ़ाया कि आज भी नहीं उतर पाया है.
चलिए कहानी की तरफ बढ़ते हैं.

हम सब अपनी कैंपिंग और घूमना फिरना करके एक हफ्ते बाद वापस आ गए.

फिर धीरे धीरे गर्मियों की छुट्टियां खत्म हो गईं.
भाई को चाचा घर छोड़ आए और मेरे कपड़े और किताबें वगैरह ले आए.

मेरा एडमिशन चाचा ने शाहजहांपुर में ही करवा दिया.

अब मुझे दो बात की खुशी थी. एक तो मेरी डांट नहीं पड़ेगी और दूसरा मेरी सफाई चाचा रोज करेंगे.
मैं रोज सुबह स्कूल जाती, दोपहर में लौट कर आती और शाम को चाचा के आ जाने पर उनके लंड से अपनी चूत ठंडी करवाती.

इस तरह से 3 साल बीत गए.
मेरा और चाचा का चुदाई का सिलसिला ऐसे ही चलता रहा.

मुझे पीरियड्स भी आते थे और अब मुझे ये भी पता चल चुका था कि ये सफाई नहीं चुदाई है क्योंकि चाचा ने एक दिन नशे बोल दिया था.

एक दिन की बात है. चाची की मम्मी की तबियत बहुत खराब हो गई तो चाची को अपने मायके जाना था.
उनके बच्चे अभी छोटे ही थे तो वो उनको भी साथ ले जा रही थीं.

चाचा जी चाची को ट्रेन में बिठाने मुझे लेकर गए.

चाची अपने मायके चली गईं.
हम दोनों बहुत खुश हो गए.
मैं और चाचा अब एकदम फ्रैंक हो चुके थे क्योंकि 3 साल हम दोनों चुदाई कर रहे थे.

मैंने चाचा से वापस आते हुए पूछा- अब तो आपकी हर रात सुहागरात होगी!

चाचा मुस्कुराते हुए मुझे किस करने लगे. क्योंकि हम लोग चाची को छोड़ने आए थे इसलिए जानबूझ कर मैंने स्कर्ट पहनी थी और अन्दर पैंटी भी नहीं पहनी थी ताकि रास्ते में चाचा को गाड़ी में छेड़ सकूं.
चाचा जैसे ही मुझे किस करके हटे, मैंने अपनी स्कर्ट ऊपर की और एक टांग सीट के ऊपर रख कर अपनी चूत अपने हाथ से खोल दी.

चाचा चूत देख कर पागल हो रहे थे वो उनके एक्सप्रेशन से पता चल रहा था.
उन्होंने अपने एक हाथ से मेरी चूत में उंगलियां घुसा दीं और एक्सिलेरेटर पर जोर से पैर दबा दिया.
वो फुल स्पीड में गाड़ी भगा रहे थे.

हम घर पहुंचे, उन्होंने तुरंत दरवाजा बंद करके मुझे किस करना शुरू कर दिया और मेरा स्कर्ट टॉप निकल कर फैंक दिया.
मैंने भी जल्दी जल्दी उनके कपड़े निकाल कर फैंक दिए.

हम दोनों अब नंगे थे.
वो मेरे मम्मे पीने में लग गए और मेरी गांड जोर जोर से दबा रहे थे.

मैं उनके लंड से खेल रही थी.
फिर उन्होंने मुझे गोद में उठाया और सोफे पर पटक कर मेरी चूत का रस पीने में लग गए.

मैंने कहा- मुझे भी कुछ चाहिए मेरा भी ख्याल रखो.
फिर हम दोनों 69 पोजीशन में आ गए.

चाचा मेरी चूत चाटने में लगे थे जिसे उन्होंने अपनी उंगलियों सी पूरी फैला रखी थी और मैं उनका लंड चूसने में लगी थी.

दस मिनट चूसने चाटने के बाद उन्होंने मेरी चूत में अपना लंड डाला और घर में कोई न होने की वजह से मैं जोर से ‘आआह आआह और जोर से और जोर कसके चोदो …’ चिल्लाने में लगी थी.

चाचा फुल स्पीड में मुझे चोदने में लगे थे.

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फिर वो 10 मिनट बाद उठे और अपना लंड मेरे मुँह में अन्दर तक घुसा दिया.
अब मैं लंड चूसने में एक्सपर्ट हो गई थी, चाची की तरह अब मैं चाचा का लंड आखिरी इंच तक अपने मुँह में घुसा लेती थी.
चाचा को मजा आ जाता था.

मैंने इतना डीप ब्लोजॉब दिया कि उनका पूरा लंड अपने थूक से भिगो दिया.
फिर उन्होंने कुशन मेरी गांड के नीचे लगाया और मेरी गांड के छेद पर थूक लगाया और लंड एक झटके में मेरी गांड में पूरा घुसा दिया.

पिछले 3 साल में मैंने लंड अपनी गांड में इतनी बार लिया था कि मेरी चूत से ढीली मेरी गांड हो गई थी.
चाचा पीरियड में मेरी गांड ही मारते थे और बाकी टाइम तो मैं खुद ही लंड गांड में डाल लेती थी.

अब चाचा मेरी गांड मारने में लगे हुए थे, एक हाथ से चूत में उंगलियां और दूसरे से मम्मे मसलने में लगे थे.
चुदाई का ये सेशन खत्म होने के बाद चाचा और मैं फ्रेश होने चले गए.

फिर वो किसी काम से बाहर चले गए.

शाम को मैं खाना बनाने लगी.
मैंने चाची नाइट गाउन पहना और ब्रा पैंटी की तो जरूरत वैसे भी नहीं थी.

आधा खाना बन चुका था, तब तक चाचा आ गए.
वो सीधे किचन में आए और मुझे किस करके पूछने लगे- आज क्या बनाया है?

मैंने बताया- पनीर की सब्जी है ग्रेवी के साथ … और मिक्स वेज.
ये दोनों उनके फेवरेट थे तो खुश होकर बोले- क्या बात है आज तो पार्टी चल रही है.

उन्होंने मेरा गाउन उठाया और मेरी गांड में अपनी दो उंगली डाल कर ऊपर उठाने लगे, जिससे मेरी गांड का छेद बिल्कुल खुला जा रहा था.
मैंने कहा- पार्टी तो आपकी भी चल रही है, मेरी चूत और गांड से हाथ ही कहां हट रहा है आपका?

मैं ये बोल रही थी और वो मेरी गांड में उंगलियां अन्दर बाहर करने में लगे हुए थे.
मैं रोटियां बना रही थी.

मैंने उनसे कहा- देखें तो लंड बाबू को … रात भर टिक पाएंगे कि नहीं.
चाचा ने सेक्स की टैबलेट निकाल कर किचन टॉप पर रख दी और अपनी पैंट खोल कर लंड बाहर निकाल दिया.

मैंने लंड देख कर कहा- हां, अब तो लग रहा है कि आज पार्टी कुछ अच्छे से ही होगी.
चाचा नीचे झुके और मुझे आगे की तरफ झुका कर मेरी गांड चाटने लगे.

एक मिनट बाद वो खड़े हुए और लंड मेरी गांड में घुसा दिया.
मैं रोटी बना रही थी और वो मुझे चोदने में लगे थे.

इससे अच्छा खाना क्या ही बन सकता था.
मेरी रोटियां बन गईं तो मैंने चाचा लंड गांड से निकाल कर अपनी चूत में डाल लिया और चाचा को किस करने लगी.

कुछ 15 मिनट बाद मैं उनका सारा लंड रस पी गई.

फिर हम दोनों ने खाना खाया और मैं चाचा के रूम में चली गई.

चाचा नीचे ही थे क्योंकि वो दारू लाना भूल गए थे तो उन्हें जाना था.
वो दारू लेकर वापस आए, घर लॉक किया और रूम में आ गए.

मैं उनका इंतजार कर रही थी. मैं उनके बेड पर लॉन्जरी पहने लेटी हुई थी, उस लॉन्जरी से मेरी चूत भी बाहर थी और मम्मे भी, बस नाम के कपड़े थे, थी मैं पूरी नंगी ही.

चाचा मेरा पास खड़े होकर पैग बनाने लगे.
मैं उन्हें नंगा कर रही थी.

चाचा ने एक पैग अपना बनाया और एक मेरे लिए भी क्योंकि मैं चाची से छुप कर कभी कभी चाचा के साथ पैग मार लेती थी.

हम दोनों ने एक एक पैग मारा. फिर चाचा मेरी चूत से खेलने लगे और मैं उनके लंड से.

हम दोनों ने 3-3 पैग ले लिए. इसके बाद मुझे नशा होने लगा और चाचा को भी मस्ती चढ़ने लगी.
चाचा मेरी चूत में घपाघप उंगलियां घुसा रहे थे, इस वजह से चूत पूरी गीली हो चुकी थी.

वो मेरी चूत से उंगलियां निकाल कर मेरे मुँह में रख देते और फिर से चूत रगड़ने लगते.
फिर शुरू हुआ हमारा चुदाई का कार्यक्रम. हम दोनों रात भर नहीं सोए.

चाचा ने गोली खाकर मुझे कई बार झाड़ कर चोदा.

फिर अगले दिन दोपहर में हम दोनों उठे, नहा धो कर खाना खाया.
अगले 4 दिन दिन तक ऐसे ही दिन रात चुदाई चलती रही.

फिर चाची आ गईं.
चाची के आ जाने के बाद भी हम दोनों का 4 दिन चुदाई का चस्का उतर नहीं रहा था.

मैंने चाचा से कहा- मैं घर में ज्यादातर छोटी वाली स्कर्ट पहना करूंगी और आप अपना हाफ वाला लोअर पहना करना या फिर सिर्फ टॉवल.
हमारी फॅमिली में खुली Xxx चुदाई की कहानी सैट हो गई.

जब हम पहली बार ऐसे करने जा रहे थे, तो ब्रैजर मूवी की कहानी को तरह लग रहा था.
चाची अपने पार्लर से वापस आतीं, तो वो अपने कमरे में फ्रेश होने और चेंज करने चली जातीं, उसी समय चाचा मेरी स्कर्ट उठाते और टॉवल से अपना लंड निकाल के शुरू हो जाते.

जैसे ही चाची की पायल की आवाज आती, चाचा का लंड टॉवल के अन्दर और मेरी स्कर्ट नीचे हो जाती.
हम दोनों को ऐसे करने में बहुत मजा आने लगा.

चाची फ्रेश होने के बाद चाय पीती थीं और टीवी पर न्यूज देखती थीं.
उस वक्त चाची जैसे ही ड्राइंग रूम में टीवी ऑन करती थीं जो कि किचन से थोड़ा राइट में था सामने की तरफ़, मैं चाय बनाने किचन में आ जाती, चाचा पीछे से आ जाते.

और फिर वही खेल शुरू हो जाता.
कभी वो स्कर्ट उठा डायरेक्ट शुरू जाते, तो जमीन में बैठ कर मेरी टांगों में घुसकर मेरी चूत चाटने लगते.

चाची को चाय देने के बाद मैं उन्हें पढ़ाई का बोलकर रूम में चली जाती.
चाचा अपना काम बताकर अपने रूम में जाने का बहाना कर देते.

फिर आधी सीढ़ियां चढ़ने के बाद दूसरी तरफ की सीढ़ियां जहां से शुरू होती थीं, वहीं पर चाचा अपने नाग देवता को मेरी गहरी गुफा में भेज देते.
रोज चुदाई ऐसे ही होती थी.

दोस्तो, चाचा के लंड से चुदने में मेरा मन कभी भी नहीं अघाता था. बस ऐसा लगता था कि हर वक्त अपने चाचा का लंड अपनी चूत या गांड में लिए ही घूमती रहूँ. मुझे कभी भी ऐसा नहीं लगा कि दुनिया में चाचा के अलावा और भी मर्द हैं और उनके पास भी लंड हैं.

ये तो मुझे अब जाकर मालूम पड़ा है कि दुनिया में लंड के कितने आकार प्रकार होते हैं और अलग अलग लंड से चुदाई का क्या मजा आता है.

खैर … आपको सेक्स कहानी के अगले भाग में मैं आगे लिखूंगी कि मैंने चाचा से कहा कि मुझे चाची की चूत चूसने का मन है और चाचा ने मेरी उस कामना को किस तरह से पूरा किया. चाची की चूत चाटना भी मेरा एक सपना ही था, मगर उनकी चूत चाटने के बाद क्या हुआ, वो मैं आपको लिखूंगी.

आप मुझे मेल और कमेंट्स से बताएं कि आपको मेरी फॅमिली में खुली Xxx चुदाई कहानी में मजा आ रहा है या नहीं.
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फॅमिली में खुली Xxx चुदाई कहानी का अगला भाग: मस्त सेक्स की Xxx कहानी