मॅाम एंड सन चुदाई कहानी में पढ़ें कि मम्मी पापा के झगड़े से मुझे लगा कि मम्मी पापा से खुश नहीं हैं. एक बार मैं मॅाम के साथ उनकी सहेली के हर पार्टी में गया. वहां क्या हुआ?
दोस्तो, यह कोई सेक्स कहानी नहीं है बल्कि मेरे जीवन की एक सच्ची घटना है.
मेरा नाम आकाश है और मैं दिल्ली में रहता हूं.
मैं शहर और मोहल्ला नहीं लिख सकता, उसकी वजह आप सब जानते हैं.
मेरे परिवार में 5 लोग हैं, मेरे पापा विक्की उम्र 47 साल.
वे रेलवे में नौकरी करते हैं.
मेरी मम्मी गोमती उम्र 44 साल, सरकारी स्कूल में टीचर हैं.
मेरा बड़ा भाई सोनू उम्र 23 साल, गोरा हैन्डसम लड़का.
फिर मैं आकाश, मेरी उम्र 21 साल है. रंग काला और शरीर में तगड़ा हूँ.
मेरे बाद मेरी छोटी बहन मीना है. उसकी उम्र 19 साल है और उसका रंग एकदम दूध सा गोरा है.
यह Mom And Son Chudai Kahani तब की है, जब मैं 12वीं में दोबारा फेल हो गया था.
मेरे भाई बहन सब पढ़ाई में ठीक थे, पर पता नहीं मैं ही उनसे हमेशा पीछे था.
घर वालों की नजर में मैं बिल्कुल निकम्मा था.
हर समय वे मुझे ताने देते थे.
और मैं अपनी जिंदगी में हर तरफ फेल होता जा रहा था; पढ़ाई में, गर्लफ्रेंड बनाने में.
क्योंकि मेरे काले रंग और पढ़ाई में कमजोर होने से मेरे स्कूल में मुझे कोई लड़की लाइन नहीं देती थी.
मैंने भी अपना काम अपने हाथ से चलाना चालू कर दिया था.
मैं हर रोज मुठ मारने लगा था.
मैंने सोच लिया था कि मुझे कभी भी चूत नहीं मिलने वाली है तो क्यों ना हाथ से ही काम चलाया जाए.
मैं छुप छुप कर मुठ मारने लगा.
मगर अब हमारे घर में एक बात और नयी होने लगी.
जब भी मेरे पापा काम से आते, मम्मी उनसे लड़ने लगतीं.
मैंने सोचा पता नहीं, होगा कुछ उनका आपसी मसला.
एक दिन मम्मी ने मुझे बताया कि उनकी सहेली की मैरिज एनवर्सरी है और उनको उधर जाना है.
जिस जगह मम्मी को जाना था वो पास के शहर में थी. उधर एक रात रुकना था और सुबह वापस आना था.
मैंने कहा- मम्मी, आप भाई को या पापा को ले जाओ.
पर मम्मी बोलीं- तेरे पापा घर पर नहीं हैं और तेरा भाई को भी कुछ काम है. अगर उन दोनों में से कोई जाता, तो मैं तुझसे नहीं बोलती. अब कोई बहाना नहीं और चुपचाप तैयार हो जा!
अब जाने की मेरी मजबूरी बन गई थी.
मैं और मम्मी रेडी होकर घर से निकल गए.
कुछ देर बाद हम दोनों मम्मी की सहेली की पार्टी में पहुंच गए.
पार्टी एक बैंक्वेट हॉल में थी.
जब हम वहां पहुंचे तो आंटी को मैंने नमस्ते किया और पार्टी में घुल मिल गया.
आंटी ने वहां आये सभी मेहमानों को रूम दे रखे थे.
हमें भी एक रूम दे दिया और कुछ देर में हम दोनों पार्टी में आ गए.
मेरी मम्मी तो आंटी और अपनी और सहेलियों से बातें करने लगीं मगर मैं किसी पागल की तरह यहां वहां घूमने लगा.
मुझे उधर एक आदमी मिला और उसने मुझे एक कार्ड दिया.
वो मुझसे बोला- ये कार्ड उनको दे दो.
वो कोई 32 साल की महिला थीं.
मुझे लगा कि ये आदमी उनका परिचित होगा.
मैंने वो कार्ड जाकर उस महिला को दे दिया.
उस लेडी ने मुझे देखा और वो कार्ड लेती हुई मुझसे बोली- सुनो कितना चार्ज करते हो? मेरा तो आज मन नहीं है, फिर भी तुम्हारा कहीं पर जुगाड़ करती हूं.
यह कह कर वह वहां से चली गई मगर मेरी समझ में कुछ नहीं आया.
फिर मैं उस कार्ड वाले आदमी को ढूंढने लगा.
मैंने सोचा कि पूछूंगा यार उस कार्ड में क्या लिखा था.
फिर कुछ देर घूमने के बाद मुझे वो आदमी तो नहीं मिला मगर वह लेडी मिल गई.
वह मेरे पास आकर बोली- सुनो तुम्हारा काम हो गया है मगर पैसे जो मिलें, रख लेना. ज्यादा ना-नुकुर मत करना.
मैं चूतियों की तरह उसे देख रहा था.
वह वापस एक बड़ा सा स्कार्फ देती हुई बोली- दूसरे फ्लोर पर कमरा नंबर 32 में मुँह पर ये कपड़ा बांध कर जाना है … और सुनो बढ़िया से सर्विस देना. अगर सर्विस पसंद आयी तो अगली बार और भी कस्टमर मिलेंगे.
बस ये कह कर वो वहां से चली गई.
मेरी समझ में कुछ नहीं आ रहा था कि क्या मामला है.
फिर कुछ देर बाद मैंने सोचा कि कम से कम चलकर तो देखना चाहिए कि क्या माजरा है.
मैं मुँह बांध कर बताए हुए कमरे के बाहर पहुंच गया और दरवाजे पर दस्तक दे दी.
अन्दर से एक घरघराती सी आवाज आई- खुला है … आ जाओ.
मैं जब अन्दर गया तो अन्दर रूम में अंधेरा था.
फिर एक साए ने दरवाजा बंद किया और मेरा हाथ पकड़ कर उस पर पैसे रख दिए.
वह दबी हुई आवाज में बोली- ये 5 हजार हैं … चाहो तो गिन सकते हो.
फिर उसने मेरी पैंट पर हाथ डालकर मेरे लंड को टटोला और हाथ से सहलाने लगी.
मुझे इसमें इतना ज्यादा मजा आया कि मैं उसका हाथ अपने लंड पर दबाने लगा.
फिर वह मेरे कपड़े उतारने लगी.
कुछ देर बाद उसने मुझे बिल्कुल नंगा कर दिया और मेरा लंड पकड़ कर अपने मुँह में डाल कर चूसने लगी.
मुझे अब जन्नत का मजा आने लगा और मैं उसके मुँह में आगे पीछे करने लगा.
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फिर उसने खाँसते हुए मेरा लंड मुँह से बाहर निकाल दिया और मेरे सामने खड़ी होकर कान में फुसफुसाई- बहुत बड़ा है तुम्हारा … अब तुम्हारी बारी.
उसने मेरा हाथ पकड़ कर अपने शरीर पर रख दिया.
मुझे लगा कि वो अपने कपड़े निकालने को कह रही है.
मैंने उसके कपड़े निकाल दिए.
फिर वो बिस्तर पर लेट गई.
मैंने उसके ऊपर चढ़ कर उसकी टांगें अपने कंधों पर रख लीं, अपना लंड उसकी चूत पर लगाना शुरू किया.
इस पर उसने मेरे लंड को पकड़ कर अपनी चूत पर रखा और थपकी देकर हां कहा.
फिर मैंने जैसे ही धक्का मारा तो उसकी ‘आह मर गई धीरे पेल साले …’ की आवाज निकल गई.
मुझे मजा आने लगा था तो मैंने उसकी आवाज सुनी ही नहीं और दूसरे धक्के में अपना पूरा लंड उसकी चूत में ठेल दिया.
वो चीख उठी- आह मादरचोद … फाड़ेगा क्या आह आराम से कर ना … तेरा इतना बड़ा है.
अब मैं आराम आराम से उसकी चुदाई करने लगा.
वो मस्ती में अपनी गांड उठा कर मुझसे चुदने का मजा लेने लगी.
उसकी ‘आह आह और तेज … आह और तेज …’ की मादक आवाजें निकलती रही’.
मैं भी उसको तेज तेज चोदने लगा.
लगभग 25 मिनट बाद वो बोली- तुम कोई दवाई खाकर आए हो क्या … इतनी देर हो चुकी है, तुम्हारा पानी नहीं निकला?
मैं कुछ नहीं बोला और उसकी चुदाई करता रहा.
वह बोली- यार एक बात बताओ, मैं यहां लड़की होकर बोले जा रही हूं और तुम हो कि मर्द होकर भी शर्मा रहे हो!
इस बार मुझे वो आवाज जानी पहचानी सी लगी.
अगले ही पल मैं घबरा गया था.
मैंने सोचा कहीं ये मेरी मम्मी तो नहीं हैं … और ये ख्याल मेरे दिमाग में आते ही मैंने जल्दी से अपनी स्पीड बढ़ा दी और जल्द से जल्द झड़ने की कोशिश करने लगा.
वह ‘अब आराम से … आराम से …’ कहती रही.
मैं अब उसकी कोई बात सुने बिना उस और तेज चोदने लगा.
फिर लगभग 10 मिनट के बाद मेरा पानी निकल गया और मैं उस लेडी के ऊपर गिर पड़ा.
मैं हांफने लगा और वो मुझे बड़े प्यार से मेरी पीठ सहलाने लगी … मुझे चूमने लगी.
जब मुझे कुछ होश आया, तो मैं जल्दी से उठकर अपने कपड़े ढूंढने लगा.
वो बोली- क्या हुआ यार … कहां चल दिए?
फिर जब मैं कपड़े पहनने लगा.
तब वह बोली- सुनो मेरी फ्रेंड ने 5 हजार पूरी रात के बताए थे … और तुम अभी से जा रहे हो?
उसकी इस बात पर मैंने उसके पैसे उसके हाथ पर रख दिए.
वह बोली- यार हुआ क्या है तुम्हें? तुम ऐसा क्यों कर रहे हो. मेरी कोई बात बुरी लगी हो, तो मुझे माफ़ करना … पर जा क्यों रहे हो? अगर तुम्हारा मन अब और नहीं है तो कम से कम हम कुछ देर बातें ही कर लेंगे.
पर मैंने उसकी एक न सुनी और दरवाजे की ओर चल दिया.
वह एकदम से मेरे पीछे आ गई और मुझे रूम में वापस ले जाने लगी, बोली- सुनो तुमको और पैसे चाहिए तो मैं दे दूंगी, पर अभी मत जाओ.
मैंने एकदम से उसके कान में आवाज बदल कर कहा- सुनो पैसों की कोई बात नहीं है. अब आप क्यों जिद कर रही हैं मैडम? अगर आपको कोई पूरी रात के लिए चाहिए, तो किसी और को देख लीजिए.
वह बोली- सुनो, चलो पूरी रात नहीं … एक बार तो और कर सकते हो ना … और तुम जैसा बोलोगे, मैं वैसा ही करूंगी.
मैंने बोला- ठीक है तो सुनो, मुझे बातें करना पसंद नहीं है … और मैं सिर्फ एक और बार करूंगा. उसके बाद कुछ नहीं और ड्रामा नहीं होना चाहिए.
वह बोली- ठीक है.
और वह मुझे फिर से चूमने लगी.
मैंने सोचा कि जो होना था, वो तो हो ही गया है. पर एक बार और कर लेता हूँ. उससे क्या बिगड़ जाएगा.
फिर अगर मैं ऐसे ही चला गया, तो ये पता नहीं क्या करेगी.
मैंने 69 की पोजीशन में लेटकर उसकी चूत चाटने लगा और वो मेरा लंड चूसने लगी.
फिर लगभग 20 मिनट बाद उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया और मैंने उठकर उसे कुतिया की तरह बनने का इशारा कर दिया.
वो समझ गई कि कुतिया बनाकर चुदाई होनी है.
और मैंने पीछे जाकर अपना लंड रख कर धक्का देना चाहा, तो वो बोली- रुको गलत छेद है.
उसने मेरा लंड पकड़ कर अपनी चूत पर रख कर कहा- अब करो.
जैसे मैंने धक्का दिया, उसकी आ आअ अआ इ ई सिसकारी निकल पड़ी.
मगर मैंने बिना रुके उसकी चूत चुदाई चालू कर दी.
वो ‘आह आह आई …’ करती रही.
कुछ देर बाद उसने झड़ कर कहा- अब थोड़ी देर रुक जाओगे क्या?
मैंने सीधा लेटते हुए कहा- सुनो इसी नाटक की वजह से मैं जा रहा था.
उसने कहा- चलो मत रुको, करो जो करना है.
मैंने कहा- मुझे नहीं करना है … अब तुम्हें करना है.
मैं बेड पर लेट गया और बोला- अब तुम मेरे ऊपर आकर करो.
वह मेरे ऊपर चढ़ गई और अपने हाथ से मेरा लंड पकड़ कर अपनी चूत में डालकर मेरे ऊपर उछलने लगी, मुझे चूमने लगी.
तब वह बड़बड़ाने लगी- आह आह … तुम मुझे पहले क्यों नहीं मिले … बड़ा मजा दे रहे हो.
मुझे लगा कि अब जल्दी करनी चाहिए.
मैंने उसको अपने ऊपर से हटाया और उसकी टांगों के बीच आ गया.
उसकी टांगें फैला कर मैंने अपने कंधों पर रख लीं और अपना लंड उसकी चूत में एक झटके में पूरा लंड घुसा दिया, लंड पेला और उसकी चुदाई चालू कर दी.
उसके बड़े बड़े मम्मे दबाने लगा और वो चीखने लगी.
लगभग 15-20 मिनट बाद मैंने अपना पानी उसकी चूत में छोड़ दिया और उसके ऊपर गिर पड़ा.
वो बोली- आह मजा आ गया … सुनो अब कब मिलोगे?
मैंने कहा- मैं एक बार के बाद किसी से दोबारा नहीं मिलता.
मैं उठकर अपने कपड़े पहनने लगा और वो लेडी मुझसे बोली- कितने पैसे दूँ आपको?
मैंने कहा- जो देना हो, दे दो.
उसने अपना पर्स ढूंढते हुए कहा- जरा लाइट तो जलाना, मुझे अपना पर्स ढूंढना है.
ये सुनकर मैंने जल्द रूम का दरवाजा खोला और एकदम से बाहर आ गया ताकि मॅाम एंड सन चुदाई का भेद ना खुल जाए.
दोस्तो, उसके बाद मैं अपने रूम में आकर लेट गया और सो गया.
करीब दो घंटे बाद मेरी मम्मी रूम में आईं तो मैंने उनसे पूछा कि आप कहां थीं?
तो उन्होंने कहा- जहां तुम थे.
मैंने कहा- क्या मतलब?
मम्मी ने मेरा मोबाइल फोन मेरे हाथ में रख दिया और बोलीं- ये कहां मिला, पता है तुम्हें?
मैंने बोला- पता नहीं, ये तो पार्टी में कहीं गुम गया था.
दोस्तो, कैसी लगी मेरी मॅाम एंड सन चुदाई कहानी?
मुझे कमेंट्स और मेल में बताएं.
धन्यवाद
आपका अनाड़ी लेखक
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