अम्मी भाभी के बाद बहनों को चोदा

इरोटिक Xxx सिस्टर सेक्स कहानी में मैं अपने घर की सारी चूतों को चोद चुका था, मेरी दो बहनें अभी कुंवारी थी. उन दोनों को मैंने एक ही रात में चोद कर कलि से फूल कैसे बनाया?

दोस्तो, मेरा नाम साहिल है और मैं अभी 22 साल का हूँ.
मैं एक जवान और हैंडसम लड़का हूं मेरी बॉडी फिट है क्योंकि मैं रोजाना दो घंटे तक कसरत करता हूँ.
और शायद इसी वर्जिश की वजह से मैं अपने नीचे दबी चूत वाली की चूत को काफी देर तक चोद कर उसका भोसड़ा बना देता हूँ.

मेरा अब तक का रिकॉर्ड है कि मैं एक रात में आठ बार चुदाई कर सकता हूँ.

चुदाई के साथ साथ अभी मैं बीएड भी कर रहा हूँ.
मैं अपने शहर से बाहर रहकर दूसरे बड़े शहर के कॉलेज में पढ़ाई करता हूं.

अपने कॉलेज में भी मैंने दो टीचर्स और चार लड़कियों को सैट कर रखा है और उन्हें जब तब चोदता रहता हूँ.

यह Xxx Erotic Sister Sex Kahani उस समय की है, जब मैं गर्मी की छुट्टियां बिताने घर वापस आया था.
मुझे कहां पता था कि इस बार की मेरी छुट्टियां रंगीन दिनों में बदल जाएंगी.

मेरी दो बहनें हैं, जिनका नाम शीबा और करिज़्मा है.
शीबा अभी लगभग 21 साल की है और वह दिखने में बहुत ही सुंदर माल है.
करिज़्मा भी 18 साल की हो गई है.

उन दोनों का बदन बिल्कुल गोरा और दूध गांड एकदम मस्त हैं.

इधर आगे बढ़ने से पहले मैं आपको एक बात बता दूँ कि मैं ही वह मादरचोद हूँ, जिसने अपने परिवार की सभी लुगाइयों की बुर का स्वाद चखा है.
जब मैं कक्षा 12 में था, उसी वक्त मैंने अपनी बेवा अम्मी की चुदाई की थी और उसके बाद अपनी दोनों चुड़क्कड़ भाभियों को भी चोदा था.

मेरे दोनों भाई अपने बिजनेस के सिलसिले में ज्यादातर बाहर रहते हैं तो मेरी भाभियों ने अपनी अपनी चूत के लिए लंड सैट कर रखे हैं.
पर जब मैं घर आ जाता हूँ तो वे दोनों सिर्फ मेरे लौड़े पर ही कूदा कूदी करती हैं.

जब मैंने पिछली बार अपनी दोनों भाभियों को चोद कर बजाया था, उस समय मेरी ये दोनों बहनें मामू के यहां गई थीं इसलिए इनकी बुर की सीलें मेरे लौड़े से टूटने से बच गई थीं.

इस बार मैं सोच कर आया था कि अबकी बार अपनी दोनों बहनों की चूत फाड़ कर ही दम लूँगा.

मेरे घर आने पर मेरी बहनें बहुत खुश थीं और प्यार से मेरे गले से भी लगी थीं.
उस वक्त मैंने अपनी दोनों बहनों के दूध की कठोरता का अहसास किया था.
उसी वजह से उन दोनों को चोदने की मेरी लालसा बढ़ गई थी.

फिर उस रात मैं अपने कमरे में सोने चला गया.

अगले दिन मैंने सबके साथ खूब बातें की और भाभियों के साथ मस्ती की.
हम चार ही उस समय घर में थे, मेरी बहनें पढ़ने गई थीं और भाई लोग हमेशा की तरह बाहर गए थे.

मैंने एक भाभी को उठा कर अपनी गोदी में बिठाया और उनके दूध मसलने लगा.
भाभी आह आह करने लगीं.

उनकी आह आह सुनकर बड़ी भाभी भी पीछे न रहीं.
वे मेरी अम्मी से बोलीं- अम्मी जी, आप कमरे में जाओ और इधर हम दोनों को अपने देवर के लौड़े से चुदने का मजा ले लेने दो.
मेरी अम्मी हंसती हुई अन्दर वाले कमरे में चली गईं.

वे जाते जाते कह गईं- आज रात मैं अपने बेटे के लंड से कांड करवा लूँगी.

अम्मी अन्दर चली गईं और हम तीनों चुदाई का नंगा नाच करने लगे.

एक घंटा तक उन दोनों को धमाकेदार तरीके से चोदने के बाद मैं आराम से सोफ़े पर अधलेटा तो हो गया और दोनों भाभियां हंसती हुई अपने कपड़े पहनने लगीं.

रात को अम्मी ने मुझे पूरा नंगा किया और मेरे लौड़े की तेल मालिश की.
फिर उन्होंने मुझसे अपनी चूत चटवाई और बाद में मेरे लौड़े को अपनी चूत में लेकर चुदने लगीं.

वे एक बार चुद कर ही थक गईं तो मैंने रात को छोटी भाभी के कमरे में जाकर उन्हें चोदा और वहीं सो गया.

ऐसे ही कुछ दिन चलता रहा.
कभी मैं बड़ी भाभी के कमरे में सोता और कभी अम्मी के साथ सो जाता.

अब मेरा पूरा ध्यान अपनी दोनों बहनों की चूत चुदाई के ऊपर था कि मैं कब इन्हें घोड़ी बनाकर चोदूंगा.
आपको सच बताऊं तो मैंने रिश्ते भुलाकर अपने घर को रंडीखाना बना रखा था.

मेरा जब भी मन करता, मैं किसी को भी चोद देता था.

अपनी अम्मी और दोनों भाभियों को बेहिचक चोद लेता था.
पर अब मैं शीबा और करिज़्मा को चोदना चाहता था.

क्योंकि मैंने अब तक उनकी बुर का स्वाद नहीं लिया था.

उसी दिन रात को मैंने अपनी रंडी अम्मी से कहा- जान, मुझे शीबा और करिज़्मा की बुर चोदनी है … तभी मेरे लौड़े को तसल्ली मिलेगी.
मेरी रंडी अम्मी ने हंसते हुए कहा- साले, मेरी और अपनी भाभियों की तो चूत चोद ही रहा है … तुझे और क्या चाहिए मादरचोद!

मैंने कहा- मेरी जान, ये जो मेरा लौड़ा है ना … जब तक उन दोनों की बुर भी फाड़ेगा, तब तक इसे तसल्ली नहीं मिलेगी. इसलिए आप अभी जाओ और उन्हें आज रात मेरे कमरे में लेकर आओ … आज मैं उन्हें चोदूंगा.
मेरी रंडी अम्मी ने भी कहा- ठीक है मादरचोद, आज रात को ले आऊंगी, पर पहले मुझे तो अभी ही चोद दे साले … तू रात को तो कमसिन चूत चुदाई में लगा रहेगा.

मैंने अम्मी की चूत चोदी और उन्हें अपनी बहनों को पटाने के लिए भेज दिया.

उस रात मैं अपनी बहनों के आने का इंतजार करता रहा.

रात को नौ बजे मेरी अम्मी कमरे में आईं और बोलीं- मैंने उन दोनों से चुदवाने के लिए कहा, पर साहिल वे तेरे साथ चुदने के लिए तैयार नहीं हो रही हैं.
मैंने कहा- ठीक है, आ जा साली रंडी … तुझे ही चोद लेता हूं.

फिर मैं अपनी रंडी अम्मी को ही चोदने लगा.

मां की चूत चुदाई के समय मैंने अपनी बहनों को खूब गालियां दीं कि बहन की लौड़ी छिनालें न जाने किस तरह से पैदा हुई हैं कि अपने भाई के लंड से मुँह मोड़ रही हैं.

इस तरह से मैं रोज किसी न किसी को चोदता ही रहा और मेरी बहनों ने मुझे अपनी चूत चोदने नहीं दी.

एक दिन को जब मैं अपनी अम्मी को चोद रहा था तो उस समय शाम थी और खाना पक रहा था.
खाना पक कर तैयार हुआ तो शीबा और करिज़्मा मुझे और अम्मी को खाना खाने के लिए बुलाने आईं.

जैसे ही उन्होंने मेरे कमरे के अन्दर झाँका, तो उन्होंने मुझे अम्मी को चोदते हुए देख लिया और शर्म के मारे वहां से भाग गईं.

उस दिन शाम को मैंने तसल्ली से खाना खाया और अपनी भाभियों के दूध दबाते हुए उनसे मजाक मस्ती की.
यह सब मेरी बहनों न भी देखा और वे चुप रहीं.

अगले दिन सुबह जब मैं उठा और फ्रेश हुआ.
फिर मैं चाय पीने आया तो मेरी दोनों बहनें मुझे देख रही थीं.

मैंने पूछा- क्या हुआ?
शीबा ने मुस्कुराते हुए कहा- कुछ नहीं!

वह दिन ऐसे ही बातें करते हुए बीत गया.

फिर रात को मैं और मेरी प्यारी रंडी अम्मी, शीबा और करिज़्मा के कमरे में आ गए.

उस वक्त रात के लगभग ग्यारह बज रहे थे.

अम्मी ने उनसे कहा- जब तुम दोनों ने सब कुछ देख ही लिया है तो अब शर्मा क्यों रही हो. मुझे पता है कि तुम बाहर किसी न किसी गैर मर्द से रोज अपनी चूत चुदवा कर आती हो और अभी बहुत शरीफ बन रही हो जैसे कि मुझे कुछ पता ही नहीं है!

जब अम्मी ने यह कहा तो मेरा लौड़ा उनकी चूत में घुसने के लिए एकदम टाइट हो गया.

लंड कड़क होते देख कर मेरी अम्मी ने अपने सारे कपड़े वहीं उतार दिए.
वे मुझसे बोलीं- आ जा मेरे भड़वे बेटे, मुझे तू आज इनके सामने खुले आम चोद दे.

जैसे ही अम्मी ने अपनी चूत खोली, मैं लग गया.
कुछ ही समय बाद उसी कमरे में मेरी दोनों रंडी भाभियां भी आ गईं.

जब उन्होंने अम्मी को नंगी चुदवाते देखा तो उनका भी चुदाने का मन करने लगा.
उन्होंने भी अपने सारे कपड़े उतार दिए और बोलीं- मेरे प्यारे देवर जी, हम दोनों को भी चोदो और हमारी चूत का भोसड़ा बना दो.

यह सब देखकर मेरा लौड़ा और अकड़ गया.
मैं सबको बारी बारी से चोदने लगा.

यह घमासान चुदाई मेरी दोनों बहनों के सामने हो रही थी.
इसलिए वे भी अपनी भरी जवानी में बुर की खुजली बर्दाश्त नहीं कर पाईं और दोनों नंगी हो गईं.

प्यारे दोस्तो, मैं आपको क्या बताऊं उस वक्त मेरे सामने सिर्फ चूतें ही चूतें थीं.
पांच पांच चूत एक साथ देखकर तो मैं पागल हो गया.
सब मेरे सामने नंगी लेटी थीं और मैं सबको बारी बारी से चोद रहा था.

अब मैंने अपनी छोटी बहन करिज़्मा को चोदना शुरू किया.
वह अभी जवानी में कदम ही रख रही थी.
उसकी उम्र 18 साल की हुई ही थी.

उसकी कुंवारी बुर चिकनी एकदम रूई जैसी थी.
उस चूत में आज तक कभी धूल का एक कण भी नहीं गया था.

जब मैंने उसकी बुर को चूसा तो उसकी बुर एकदम मुलायम और रसीली थी.

फिर मैंने सबसे कहा- मेरी रंडियो, अब तुम लोग जरा रुको … मैं पहले अपनी इस प्यारी कमसिन बहन की प्यास बुझा दूँ, फिर तुम सबको एक एक बार अपने लौड़े का मजा दूंगा.
इस पर सबने हंस कर कहा- हां, उसकी प्यास पहले बुझा दो.

अब मैंने अपनी प्यारी बहन करिज़्मा की चूत चाटी और उसका पानी साफ कर दिया.
फिर अपना लौड़ा उसके मुँह में डाल दिया और अन्दर बाहर करने लगा.

उसके बाद मैंने उसे घोड़ी बनाया और लंड को चूत में ठोक दिया.
वह बहुत रोई और चीखी … पर मेरे लंड ने उसकी चूत फाड़ कर ही दम लिया.

एक बार उसकी चूत फट गई तो मैंने उसे जमकर चोदना चालू कर दिया.

दोस्तो, मैं उस वक्त अपनी बहन को ऐसे चोद रहा था कि जैसे कोई पोर्न एक्ट्रेस मेरे लंड के नीचे दबी हो.
मैं उसे ऊपर से, नीचे से, दाएं से, बांए से, हर पोजीशन में चोद रहा था.

ये सब चुदाई मेरी अम्मी बहन और भाभियां देखकर मजे ले रही थीं.

उसके बाद मैंने करिज़्मा को चोद चोदकर एकदम पस्त कर दिया.

अब मैंने अपनी छोटी भाभी को चोदना शुरू किया.
भाभी की भी बुर किसी रुई से कम नहीं थी … एकदम मुलायम.

मैंने उनकी सारी मलाई चाटकर साफ़ कर दी.
मैं बुर बहुत चाटता हूँ इसलिए वे सब मुझे बुरचट्टन भी कहकर बुलाती हैं.

उस रात मैंने अपने लौड़े से सबको बारी बारी से खूब चोदा और सबको संतुष्ट किया.

अंत में मैंने अपना सारा माल करिज़्मा की बुर के ऊपर गिरा दिया और सबने उसकी बुर पर पड़े मेरे माल को चाट चाट कर बुर को साफ़ कर दिया.

दोस्तो, अपने परिवार की औरतों की चूत का स्वाद लेने में कुछ अलग ही मजा है.
आप भी अपने परिवार में कभी सेक्स करना, बहुत मजा आएगा.
अपनी बहनों को चोदने का मजा की कुछ अलग होता है.

घर की माल सच्ची में माल होती है, जब मन करे तब घमासान चुदाई करो. किसी बहन के लौड़े से कोई डर नहीं होता है.

मैं एक महीने तक घर पर रहा और रोज उन्हें गोलियां खा खाकर चोदता था.

आपको मेरी यह परिवार की सेक्स कहानी कैसी लगी?
इसमें मैंने अपनी अम्मी, भाभी और बहनों को घोड़ी बना बनाकर रात रात भर खूब चोदा.

अब किसी नई चूत की चुदाई की कहानी में वापस मिलता हूँ. तब तक के लिए अपनी अम्मी, बहन और भाभी को चोदते रहिए, धन्यवाद!
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देवर ने बेरहमी से अपनी जवान भाभी की चुदाई की

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