कामिनी की प्यास-2

दोस्तो मैं अपनी कहानी “कामिनी की प्यास” का अगला पार्ट लेके आ गया हूँ, अब आगे पढ़िए.. अगले दिन सब सामान्य रहा, संदीप बाहर गया था। कामिनी का मन बेचैन था। फिर रात हुई, सन्दीप कमरे में था, वो इंतज़ार में था … पूरी कहानी पढ़ें

कामिनी की प्यास-1

ये बात उन दिनों की है जब मोबाइल फोन नहीं होते थे, लैंड लाइन फ़ोन भी किसी के घर में होते थे। जून का उमस भरा महीना चल रहा था। सरकारी कालोनी के एक घर में श्रीमती अरोड़ा गर्मी से जूझ रही … पूरी कहानी पढ़ें